वीनस केसरी की रचनाएँ
इन्तिहा-ए-ज़ुल्म ये है, इन्तिहा कोई नहीं इन्तिहा-ए-ज़ुल्म ये है, इन्तिहा कोई नहीं! घुट गई है हर सदा या बोलता कोई नहीं? बाद-ए- मुद्दत आइना देखा… Read More »वीनस केसरी की रचनाएँ
इन्तिहा-ए-ज़ुल्म ये है, इन्तिहा कोई नहीं इन्तिहा-ए-ज़ुल्म ये है, इन्तिहा कोई नहीं! घुट गई है हर सदा या बोलता कोई नहीं? बाद-ए- मुद्दत आइना देखा… Read More »वीनस केसरी की रचनाएँ