श्वेता राय की रचनाएँ
हम तुम प्रिय चाँद बनो तुम रजनी के, मैं फूल बनी मुस्काऊँगी।तुम रूप अनेक धरे हँसना,मैं प्रीत गंध बिखराऊँगी॥तुम बाँह धरे हो प्रिय जबसे, उर… Read More »श्वेता राय की रचनाएँ
हम तुम प्रिय चाँद बनो तुम रजनी के, मैं फूल बनी मुस्काऊँगी।तुम रूप अनेक धरे हँसना,मैं प्रीत गंध बिखराऊँगी॥तुम बाँह धरे हो प्रिय जबसे, उर… Read More »श्वेता राय की रचनाएँ