‘सहर’ इश्क़ाबादी की रचनाएँ
दावर ने बंदे बंदों ने दावर बना दिया दावर ने बंदे बंदों ने दावर बना दिया सागर ने क़तरे क़तरों ने सागर बिना दिया बे-ताबियों… Read More »‘सहर’ इश्क़ाबादी की रचनाएँ
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