हरीश दुबे की रचनाएँ
छोड़ो भी गर्मी बरसाना कड़ी धूप का बने खजाना, सूरज जी! छोड़ो भी गरमी बरसाना, सूरज जी! नर्म-मुलायम धूप बदलकर आते हो क्यों रूप बदलकर!… Read More »हरीश दुबे की रचनाएँ
छोड़ो भी गर्मी बरसाना कड़ी धूप का बने खजाना, सूरज जी! छोड़ो भी गरमी बरसाना, सूरज जी! नर्म-मुलायम धूप बदलकर आते हो क्यों रूप बदलकर!… Read More »हरीश दुबे की रचनाएँ