ऐतबार साज़िद की रचनाएँ
भीड़ है बर-सर-ए-बाज़ार कहीं और चलें भीड़ है बर-सर-ए-बाज़ार कहीं और चलें आ मेरे दिल मेरे ग़म-ख़्वार कहीं और चलें कोई खिड़की नहीं खुलती किसी… Read More »ऐतबार साज़िद की रचनाएँ
भीड़ है बर-सर-ए-बाज़ार कहीं और चलें भीड़ है बर-सर-ए-बाज़ार कहीं और चलें आ मेरे दिल मेरे ग़म-ख़्वार कहीं और चलें कोई खिड़की नहीं खुलती किसी… Read More »ऐतबार साज़िद की रचनाएँ