कुसुम जैन की रचनाएँ
ये बूंदे नहीं… बरस पड़े बादल टूट गया धीरज उतर पड़ा आसमान धरती को चूमने ये बूंदें नहीं होंठ हैं आसमान के जीवन घूंघर-घूंघर बरसती… Read More »कुसुम जैन की रचनाएँ
ये बूंदे नहीं… बरस पड़े बादल टूट गया धीरज उतर पड़ा आसमान धरती को चूमने ये बूंदें नहीं होंठ हैं आसमान के जीवन घूंघर-घूंघर बरसती… Read More »कुसुम जैन की रचनाएँ