ख़ुशबीर सिंह ‘शाद’ की रचनाएँ
अब अँधेरों में जो हम ख़ौफ़-ज़दा बैठे हैं अब अँधेरों में जो हम ख़ौफ़-ज़दा बैठे हैं क्या कहें ख़ुद ही चराग़ों को बुझा बैठे हैं… Read More »ख़ुशबीर सिंह ‘शाद’ की रचनाएँ
अब अँधेरों में जो हम ख़ौफ़-ज़दा बैठे हैं अब अँधेरों में जो हम ख़ौफ़-ज़दा बैठे हैं क्या कहें ख़ुद ही चराग़ों को बुझा बैठे हैं… Read More »ख़ुशबीर सिंह ‘शाद’ की रचनाएँ