जितेन्द्र ‘जौहर’की रचनाएँ
बेटे की विदाई अम्मा ने आटे के नौ-दस, लड्डू बाँध दिये; बोलीं- ‘रस्ते में खा लेना, लम्बी दूरी है।’ ठोस प्रेम का तरल रूप, आँखों… Read More »जितेन्द्र ‘जौहर’की रचनाएँ
बेटे की विदाई अम्मा ने आटे के नौ-दस, लड्डू बाँध दिये; बोलीं- ‘रस्ते में खा लेना, लम्बी दूरी है।’ ठोस प्रेम का तरल रूप, आँखों… Read More »जितेन्द्र ‘जौहर’की रचनाएँ