मतिराम की रचनाएँ
दूसरे की बात सुनि परत न ऐसी जहाँ दूसरे की बात सुनि परत न ऎसी जहाँ , कोकिल कपोतन की धुनि सरसात है । छाइ… Read More »मतिराम की रचनाएँ
दूसरे की बात सुनि परत न ऐसी जहाँ दूसरे की बात सुनि परत न ऎसी जहाँ , कोकिल कपोतन की धुनि सरसात है । छाइ… Read More »मतिराम की रचनाएँ