सत्यनारायण ‘कविरत्न’ की रचनाएँ
मातॄवंदना-1 सब मिलि पूजिय भारत-माई।भुवि विश्रुत, सदवीर-प्रसूता, सरल सदय सुखदाई।।बाकी निर्मल कीर्ति कौमुदी, छिटकी चहुँ दिशि छाई।कलित केन्द्र आरज-निवास की, वेद पुरानन गाई।।आर्य-अनार्य सरस चाखत… Read More »सत्यनारायण ‘कविरत्न’ की रचनाएँ