घर घर आपस में दुश्मनी भी है
घर घर आपस में दुश्मनी भी है
बस खचा-खच भी हुई भी है
एक लम्हे के वास्ते ही सही
काले बादल में रौशनी भी है
नींद को लोग मौत कहते हैं
ख़्वाब का नाम ज़िंदगी भी है
रास्ता काटना हुनर तेरा
वर्ना आवाज़ टूटती भी है
ख़ूबियों से है पाक मेरी ज़ात
मेरे ऐबों में शाइरी भी है
हमारी साँसे मिली हैं गिन के
हमारी साँसे मिली हैं गिन के
न जाने कितने बजे हैं दिन के
तुम अपनी आँखों का ध्यान रखना
हवा में उड़ने लगे हैं तिनके
दिए रऊनत से जल रहे थे
हवा ने पूछे मिज़ाज उन के
वो रात आँखों में काटते हैं
गुलाब ज़ख़्मी हुए हैं जिन के
गिरी है आग़ोश-ए-राएगाँ में
तुम्हारे हाथों से रात छिन के
जहाँ शीशा है पत्थर जागते हैं
जहाँ शीशा है पत्थर जागते हैं
ज़रर-ईजाद घर घर जागते हैं
सदफ़ आसूदगी की नींद सोए
मगर प्यासे समुंदर जागते हैं
उड़ी अफ़्वाह अंधी बस्तियों में
सितारों से मुक़द्दर जागते हैं
लुटेरों के लिए सोती हैं आँखें
मगर हम अपने अंदर जागते हैं
अंधेरों में खंडर सोता पड़ा है
अबाबीलों के लश्कर जागते हैं
काग़ज़ की नाव हूँ जिसे तिनका डुबो सके
काग़ज़ की नाव हूँ जिसे तिनका डुबो सके
यूँ भी नहीं कि आप से ये भी न हो सके
बरसात थम चुकी है मगर हर शजर के पास
इतना तो है कि आप का दामन भिगो सके
ऐ चीख़ती हवाओं के सैलाब शुक्रिया
इतना तो हो कि आदमी सूली पे सो सके
दरिया पे बंद बाँध कर रोको जगह जगह
ऐसा न हो कि आदमी जी भर के रो सके
हल्की सी रौशनी के फ़रिश्ते हैं आस-पास
पल्कों में बूँद बूँद जहाँ तक पिरो सके
लहर से लहर का नाता क्या है
लहर से लहर का नाता क्या है
मुझ पे इल्ज़ाम फिर आता क्या है
बोलती आँख में बिल्लोर की रूह
संग-ए-आवाज़ उठाता क्या है
रोज़ ओ शब बेच दिए हैं मैं ने
इस बुलंदी से गिराता क्या है
लाखों बरसों के सफ़र से हासिल
देखना क्या है दिखाता क्या है
तीर अंधे हैं शिकारी अंधा
खेल है खेल में जाता क्या है
ये किस करनी का फल होगा कैसी रूत में जागे हम
ये किस करनी का फल होगा कैसी रूत में जागे हम
तेज़ नुकीली तलवारों के बीच में कच्चे धागे हम
टहनी टहनी झूल रही हैं लाशें जिं़दा पत्तों की
क्या इस नज़्ज़ारे की ख़ातिर जंगल जंगल भागे हम
जलती धूपें प्यासा पंछी नहर किनारे उतरेगा
जब भी कोई ज़ख़्म दिखा है अग पिया के लागे हम
अपनी ही पहचान नहीं तो साए की पहचान कहाँ
चप्पा चप्पा दीवारें हैं क्या देखेंगे आगे हम
सब के आँगन झाँकने वाले हम से ही क्यूँ बैर तुझे
कब तक तेरा रस्ता देखें सारी रात के जागे हम