तुम्हारा होना
तुम्हारा होना मेरी ज़िंदगी में ऐसे है,
जैसे झील के पानी पर
ढेरों कमल खिले हों,
जैसे बर्फ़बारी के बाद की पहली धूप हो,
बाद पतझड़ के
बारिश की नई फुहारें हों जैसे
जैसे भीड़ में मुझे कसकर थामे हो एक हथेली
एशियाटिक की सुनसान सड़क से गुजरते
जल्दबाजी में लिया गया एक चुंबन हो
जैसे प्यार करने के लिए हो तुम्हारी हड़बड़ी, बेचैनी…
प्यार में डूबी हुई लड़कियाँ-1
रेशम के दुपट्टे में टाँकती हैं सितारा
देह मल-मलकर नहाती हैं,
करीने से सजाती हैं बाल
आँखों में काजल लगाती हैं
प्यार में डूबी हुई लड़कियाँ…
मन-ही-मन मुस्कुराती हैं अकेले में
बात-बेबात चहकती
आईने में निहारती अपनी छातियों को
कनखियों से
ख़ुद ही शरमाकर नज़रें फिराती हैं
प्यार में डूबी हुई लड़कियाँ…
डाकिए का करती हैं इंतज़ार
मन-ही-मन लिखती हैं जवाब
आने वाले ख़त का
पिछले दफ़ा मिले एक चुंबन की स्मृति
हीरे की तरह संजोती हैं अपने भीतर
प्यार में डूबी हुई लड़कियाँ…
प्यार में डूबी हुई लड़कियाँ
नदी हो जाती हैं
और पतंग भी
कल-कल करती बहती हैं
नाप लेती है सारा आसमान
किसी रस्सी से नहीं बंधती
प्यार में डूबी हुई लड़कियाँ…
प्यार में डूबी हुई लड़कियाँ-2
प्यार में डूबी हुई लड़कियों से
सब डरते हैं
डरता है समाज
माँ डरती है,
पिता को नींद नहीं आती रात-भर,
भाई क्रोध से फुँफकारते हैं,
पड़ोसी दाँतों तले उँगली दबाते
रहस्य से पर्दा उठाते हैं…
लड़की जो तालाब थी अब तक
ठहरी हुई झील
कैसे हो गई नदी
और उससे भी बढ़कर आबशार
बाँधे नहीं बँधती
बहती ही जाती है
झर-झर-झर-झर।
प्यार में डूबी हुई लड़कियाँ-3
प्यार में डूबी हुई लड़कियाँ
अब लड़की नहीं रही
न नदी, न पतंग, न आबशार….
प्यार में डूबी हुई लड़कियाँ
अकेली थीं
अपने घरों, शहरों, मुहल्लों में
वो और अकेली होती गईं
माँ-पिता-भाई सब जीते
प्यार मे डूबी हुई लड़कियों से
लड़कियाँ अकेली थीं,
और वे बहुत सारे….
प्यार में डूबी हुई लड़कियाँ
अब माँएँ हैं ख़ुद
प्यार में डूबी हुई लड़कियों की
और डरती हैं
अपनी बेटी के प्यार में डूब जाने से
उसके आबशार हो जाने से…