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शकुंतला सिरोठिया की रचनाएँ

जा, सपनों से खेलना

निंदिया की गोदी में
सो जा मेरे लालना!
सूरज भी सो गया
पेड़ सभी सो गए,
पत्तों की गोदी में,
फूल सभी सो गए।
तू भी चुप सो जा,
जा, सपनों से खेलना!
चिड़ियां भी सो गईं
चिरौंटे भी सो गए,
गोदी में छिप उनके
चुनमुन भी सो गए।
तू भी चुप सो जा,
झुलाऊं तुझे पालना!

राजदुलारी सो जा 

मेरी गुड़िया, सो जा तू।
अपने चुन्ने-मुन्नों को ले
चिड़ियां सोने जातीं,
बड़े प्यार से उनको
अपनी छाती से चिपकातीं।
शेरू सोया, पूसी सोई
पिंजरे की चुनमुनिया सोई,
ले मैंने भी आंखें मींचीं,
बिटिया रानी, सो जा तू।

निंदिया प्यारी, आ जा तू 

निंदिया प्यारी, आ जा तू,
मुन्ने को बहला जा तू।
तुझको खील-मिठाई दूंगी
दूंगी नए खिलौने,
लाल सुनहरी चुनरी दूंगी
नई मंगाई मैंने।
राग सुरीले, आ जा तू,
निंदिया प्यारी, आ जा तू!

गुन-गुन गाना 

कू-कू-कू कूके कोयलिया
माओ-माओ करता मोर,
मेरा राजा पलक मूंदता
देखो कोई करे न शोर!
चुपके-चुपके आना निंदिया
फूल गमकते ले आना,
धीरे-धीरे मीठी-मीठी
लोरी गुन-गुन-गुन गाना!

थम-थम-थम

निंदिया रानी थम-थम-थम!
खिली केतकी, खिली चमेली,
बेला गमका गम-गम-गम!
कहां चली ओ निंदिया प्यारी,
थोड़ा-सा तो थम-थम-थम!
काले-काले मेघ घिरे हैं,
पानी बरसा झम-झम-झम!
अम्मां सुला रही है लेकिन,
बेटू करता है ऊधम।
कहां जा रही निंदिया रानी,
बस थोड़ा-सा थम-थम-थम!

चंदा प्यारे, आ जाओ

चंदा प्यारे, आ जाओ,
नींद रंगीली ले आओ।
चांद लोक की परियां भेजो, भेजो मृग का छौना,
मुन्ना मेरा सोने जाता, लगे न इसको टोना।
पलना सोने का लाओ,
चंदा प्यारे आ जाओ।
नीले रंग के पलने में हों तारे टंके सुनहले,
किरणों की हो डोरी उसमें, झुमके नीले-पीले।
लोरी मीठी गा जाओ,
चंदा प्यारे, आ जाओ।

चांदनी की चादर

चांदनी की चादर उढ़ाऊं तुझे मोहना,
सो जा मेरे लालना।
सूरज भी सो गया, पंछी भी सो गए,
डालो की गोदी में फूल सभी सो गए।
तू भी चुप हो जा, झुलाऊं तुझे पालना।
सो जा मेरे लालना।

आंख बंद कर राजदुलारी 

आंख बंद कर राजदुलारी,
तुझे सुनाऊं लोरी।
लाल मनइयां चिड़िया पालूं,
आम डाल पर पलना डालूं,
रेशम की है डोरी।
तुझे सुनाऊं लोरी।
लहंगा-चुनरी तुझे मंगाऊं,
चांद-सितरों से जड़वाऊं,
सो जा मुन्नी मेरी।
तुझे सुनाऊं लोरी।

बादल आया

बादल आया झूम के,
पर्वत चोटी चूम के।
इंद्रधनुष का पहने हार,
ले आया वर्षा की धार!
मेढक राजा मगन हुए,
झिंगुरा के सुख सपन हुए!
कजरी की धुन आती है
नन्ही चिड़िया गाती है!

चंदा मामा

चंदा मामा ठहरो थोड़ा,
कहाँ चले तुम जाते हो?
खेल रहे क्या आँख मिचौनी,
बादल में छिप जाते हो।
मुझे बुला लो, मैं देखूँगा
कितने हो छिपने में तेज!
नहीं पकड़ पाओगे मुझको,
मैं दौडूँगा तुमसे तेज।

गुड़िया की परेशानी

रोती-रोती गुड़िया आई,
किससे अपनी बात कहूँ!
चूँ-चूँ ने आफत कर डाली,
ऐसे घर में कहाँ रहूँ?
कुतरी चुनरी गोटे वाली,
लाल रंग की प्यारी-प्यारी!
डाल नहीं घूँघट पाऊँगी,
दूल्हे के संग कैसे जाऊँगी!
मर जाऊँगी लाज की मारी,
कैसे अब ससुराल रहूँ?

नाव चली मेरी

कागज की नाव चली मेरी,
पानी में नाव चली मेरी,
बलखाती नाव चली मेरी!

डगमग-डगमग हिलती-डुलती,
लहर-लहर से मिलती-जुलती,
इठलाती नाव चली मेरी!

हाथी

हाथी आता झूम के,
धरती-मिट्टी चूम के!
कान हिलाता पंखे जैसा,
देखो मोटा, ऊँचा कैसा!
सूँड हिलाता आता है,
गन्ना-पत्ती खाता है!
हाथी के दो लम्बे दाँत,
सूँड बनी है इसके हाथ!
इससे ही यह लेता रोटी,
आँखें इसकी छोटी-छोटी

सो जा ललना

सो जा ललना-सो जा ललना!
माँ की गोदी तेरा घर है,
तेरा घर है तेरा घर है,
फिर क्यों तेरे मन में डर है,
सोने-चाँदी का है पलना!
सो जा ललना, सो जा ललना!

मीठी मीठी नींद बुला दूँ,
थपकी दे-दे तुझे सुला दूँ,
कभी न रोना और मचलना
सो जा ललना, सो जा ललना!

चंदा आया, चंदा आया,
साथ बहुत से तारे लाया,
मीठा दूध-कटोरा लाया,
अच्छे पथ पर ही तुम चलना!
सो जा ललना, सो जा ललना!

चिड़िया क्यों धूप में खड़ी

ओ नन्ही चिड़िया
क्यों धूप में खड़ी,
कल तक थी घबराती
धूप से बड़ी।
पानी में भीग-भीग
नहाती थी खूब,
पर फैला बाल्टी में
जाती थी डूब।
हो गया जुकाम या-
बुखार में पड़ी?

वर्षा ने डाली थी
पानी की धार,
धरा हुई शीतल
अब न गर्मी की मार।
मीठी है धूप अब
आ गया क्वार,
ना है जुकाम मुझे
ना है बुखार।

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