प्रात समै वृषभानु सुता उठि आपु गई सरितान के खोरन
प्रात समै वृषभानु सुता उठि आपु गई सरितान के खोरन ।
अँजन धोय अँगोछि के देह लगी ढिग बैठि के बार निचोरन ।
ब्रह्म भनै तेहिकी उपमा जल के कनिका बहैँ केस की छोरन ।
मानहु चँद कौ चूसत नाग अमी रस च्वै चलो पूँछ की ओरन ।
ब्रह्मा का यह दुर्लभ छन्द श्री राजुल मेहरोत्रा के संग्रह से उपलब्ध हुआ है।