जब से अखबार पुरानी खबर सा लगता है
जब से अखबार पुरानी खबर सा लगता है
दिल नए दोस्त बनाने से भी डरता है
जब से पहचाना वो शोख फितरतन कातिल है
जी उसके ताने ,बहाने से भी डरता है
जब से जाना कि अश्क ही इश्क का हासिल है
दिल उस अहसास पुराने से भी डरता है
जब से समझा है कि हर ख्वाब टूट जाता है
वो शख्स, आँख लगाने से भी डरता है
उसकी मासूम अदा है, तेवर है या नजाकत है
वो
कसमें खा लें, तेरे वहम जी लें
कसमें खा लें, तेरा वहम जी लें
तेरा रहम रहे, तो हम जी लें
बड़ी खुदफहम है दुनिया तेरी
चल तुझे याद करें, हम जी लें
न कोई घर, न मंजिल,न मुक़ाम
तेरे इंतज़ार में अब, हम जी लें
लहर का दिल साहिल से क्या लगना
तेरे जुनूं का भंवर हो, हम जी लें
आसमां तसव्वुर का ओढ़ें, तेरा नाम
रेत पर लिखें, मुस्कुराएँ, हम जी लें
मुझ से नज़रें मिलाने से भी डरता है
रात काली, ख्वाब भूरे हैं
रात काली, ख्वाब भूरे हैं
दिन तुम्हारे बिन अधूरे हैं
हसरतें, अरमान, ख्वाहिश
हाँ, इश्क के आसार पूरे हैं
तुम हो नज़रों में, काफी है
यूँ सुना है, ज़न्नत में हूरें हैं
आँखों में उतर आया सावन
आंसुओं की लड़ी के झूरे हैं
चलो छुप जाएँ कहीं चुपके से
लोग बेवजह हमें घूरें हैं
है तो है
हाँ, मुझे तुमसे प्यार है तो है
जान, तुम पर निसार है, तो है
दिल भी बेखुद, बेकरार है तो है
सांझ से, तेरा इंतज़ार है तो है
तू इस दिल का रोज़गार है, तो है
चुरा के दिल को, तू फ़रार है तो है
जुनूं सर पर, फिर सवार है, तो है
डालना दिल पे डोरे, कारोबार है तो है
तेरा तसव्वुर, मेरा ख़ुमार है, तो है
ख्वाब मेरा, तुझ पर उधार है तो है