हकीम ‘नासिर’ की रचनाएँ
आँखों ने हाल कह दिया होंट न फिर हिला सके आँखों ने हाल कह दिया होंट न फिर हिला सके दिल में हज़ार ज़ख्म थे… Read More »हकीम ‘नासिर’ की रचनाएँ
आँखों ने हाल कह दिया होंट न फिर हिला सके आँखों ने हाल कह दिया होंट न फिर हिला सके दिल में हज़ार ज़ख्म थे… Read More »हकीम ‘नासिर’ की रचनाएँ