चाँद शुक्ला हादियाबादी की रचनाएँ
परेशानी का आलम है परेशानी नहीं जाती परेशानी का आलम है परेशानी नहीं जाती अब अपनी शक्ल भी शीशे में पहचानी नहीं जाती यहाँ आबाद है हर शैय खिलें हैं फूल आँगन में मगर घर से हमारे क्यों यह वीरानी नहीं जाती कभी इकरार करतें हैं कभी तकरार होती है… Read More »चाँद शुक्ला हादियाबादी की रचनाएँ