परेशानी का आलम है परेशानी नहीं जाती परेशानी का आलम है परेशानी नहीं जाती अब अपनी शक्ल भी शीशे में पहचानी नहीं जाती यहाँ आबाद है हर शैय खिलें हैं फूल आँगन में मगर घर…