‘फ़ज़ा’ इब्न-ए-फ़ैज़ी की रचनाएँ
बहुत जुमूद था बे-हौसलों में क्या करता बहुत जुमूद था बे-हौसलों में क्या करता न लगती आग तो मैं जंगलों में क्या करता इक इम्तिहान-ए-वफ़ा… Read More »‘फ़ज़ा’ इब्न-ए-फ़ैज़ी की रचनाएँ
बहुत जुमूद था बे-हौसलों में क्या करता बहुत जुमूद था बे-हौसलों में क्या करता न लगती आग तो मैं जंगलों में क्या करता इक इम्तिहान-ए-वफ़ा… Read More »‘फ़ज़ा’ इब्न-ए-फ़ैज़ी की रचनाएँ