शाहिदा हसन की रचनाएँ
ठहरा है करीब-ए-जान आ कर ठहरा है करीब-ए-जान आ कर जाने का नहीं ये ध्यान आ कर आईना लिया तो तेरी सूरत हँसने लगी दरमियान… Read More »शाहिदा हसन की रचनाएँ
ठहरा है करीब-ए-जान आ कर ठहरा है करीब-ए-जान आ कर जाने का नहीं ये ध्यान आ कर आईना लिया तो तेरी सूरत हँसने लगी दरमियान… Read More »शाहिदा हसन की रचनाएँ