ताहिर वारसी की रचनाएँ
ख़ुश्क ज़ख़्मों को कुरेदा जाएगा ख़ुश्क ज़ख़्मों को कुरेदा जाएगा दश्त में दरिया को ढूँढा जाएगा याद-ए-माज़ी इक तिलिस्मी ग़ार है मुड़ के जो देखेगा… Read More »ताहिर वारसी की रचनाएँ
ख़ुश्क ज़ख़्मों को कुरेदा जाएगा ख़ुश्क ज़ख़्मों को कुरेदा जाएगा दश्त में दरिया को ढूँढा जाएगा याद-ए-माज़ी इक तिलिस्मी ग़ार है मुड़ के जो देखेगा… Read More »ताहिर वारसी की रचनाएँ