शेरजंग गर्ग की रचनाएँ
ख़ुद से रूठे हैं हम लोग ख़ुद से रूठे हैं हम लोग। टूटे-फूटे हैं हम लोग॥ सत्य चुराता नज़रें हमसे, इतने झूठे हैं हम लोग।… Read More »शेरजंग गर्ग की रचनाएँ
ख़ुद से रूठे हैं हम लोग ख़ुद से रूठे हैं हम लोग। टूटे-फूटे हैं हम लोग॥ सत्य चुराता नज़रें हमसे, इतने झूठे हैं हम लोग।… Read More »शेरजंग गर्ग की रचनाएँ