सरहपा की रचनाएँ
राहुल सांकृत्यायन द्वारा अनूदित वज्रगीतियाँ जिमि पवन-घाते अचल जल जिमि पवन-घाते अचल जल, चलै तरंगित होइ । जिमि मूढ़ विलोम नेत्र को, एकै द्वीप दो… Read More »सरहपा की रचनाएँ
राहुल सांकृत्यायन द्वारा अनूदित वज्रगीतियाँ जिमि पवन-घाते अचल जल जिमि पवन-घाते अचल जल, चलै तरंगित होइ । जिमि मूढ़ विलोम नेत्र को, एकै द्वीप दो… Read More »सरहपा की रचनाएँ