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सुनीत बाजपेयी की रचनाएँ

बिन तुम्हारे मैं भला कब तक जियूँगा साँस का ये साज न रुक जाये, आओ, रो रहा है हृदय पर आँसू निकलते ही नहीं है।… Read More »सुनीत बाजपेयी की रचनाएँ

सुधेश की रचनाएँ

गीत जीवन का यथार्थ जीवन के काले यथार्थ ने उज्ज्वल सपनों में भटकाया । जीवन अमृतघट से वंचित उस की झलक मिली सपनों में उसे… Read More »सुधेश की रचनाएँ

सुधीर सक्सेना’की रचनाएँ

दिन धूप में  एक दिन धूप में आसमान से उतर कर एक चिड़िया आएगी और चोंच मारने लगेगी कांधे पर तब मुझे तुम्हारी याद आएगी… Read More »सुधीर सक्सेना’की रचनाएँ

सुधीर मोता ’की रचनाएँ

त्रिपथगा-1 निकल स्वर्ग से पृथ्वी पर नीचे प्रवाहमयी जाना पताल तीन तलों का घर जिसका घर भी ऎसा जिसमें आना जाना जिससे पाहुन जैसे पर… Read More »सुधीर मोता ’की रचनाएँ

सुधांशु उपाध्याय ’की रचनाएँ

डिजिटल होते भारत में  दुनिया रही बदल पर डिजिटल होते इस भारत में औरत खींच रही है हल ! यह सदियों की पीर रही है औरत… Read More »सुधांशु उपाध्याय ’की रचनाएँ

सुधा चौहान ’की रचनाएँ

ऊँट  रोज़ सवेरे कितने ऊँट, पीठ लाद ढेरांे तरबूज़। धीरे-धीरे कहाँ चले, जब पहुँचेंगे पेड़ तले- गर्दन ऊँची कर खाएँगे, कड़वी नीम चबा जाएँगे। मालिक… Read More »सुधा चौहान ’की रचनाएँ

सुधा उपाध्याय की रचनाएँ

मैं हूं, मैं हूं, मैं हूं चौराहों से एक तरफ निकलती संकरी गली में स्थापित कर दी तुमने मेरी प्रतिमा लोग भारी भारी होकर आते… Read More »सुधा उपाध्याय की रचनाएँ

सुदेश कुमार मेहर की रचनाएँ

काश मैं जब तनहा सा रोता हूँ लिपटकर शब के सीने से बिखरने लगते हैं ये अश्क आँखों से करीने से ख़यालों में मिरे तुम… Read More »सुदेश कुमार मेहर की रचनाएँ

सुदर्शन वशिष्ठ की रचनाएँ

आँगन बुहारती औरतें एक औरतें आँगन बुहारती हैं मर्दों के सोये भीतर बुहारना अशकुन है इसलिए मुँह अँधेरे औरतें आँगन बुहारती हैं मर्द सोये रहते… Read More »सुदर्शन वशिष्ठ की रचनाएँ

सुदर्शन फ़ाकिर की रचनाएँ

मशहूर शेर १ ग़म बढे़ आते हैं क़ातिल की निगाहों की तरह तुम छिपा लो मुझे, ऐ दोस्त, गुनाहों की तरह २ जब भी तन्हाई… Read More »सुदर्शन फ़ाकिर की रचनाएँ