अश्विनी कुमार आलोक की रचनाएँ
फूल बनकर, गंध बनकर मर न जाऊं मैं तेरी संवेदना में मीत मेरे और जीना चाहती हूँ फूल बनकर, गंध बनकर कितने कांटों में फंसा… Read More »अश्विनी कुमार आलोक की रचनाएँ
फूल बनकर, गंध बनकर मर न जाऊं मैं तेरी संवेदना में मीत मेरे और जीना चाहती हूँ फूल बनकर, गंध बनकर कितने कांटों में फंसा… Read More »अश्विनी कुमार आलोक की रचनाएँ