‘रासिख़’ अज़ीमाबादी की रचनाएँ
दिल ज़ुल्फ़-ए-बुताँ में है गिरफ़्तार हमारा दिल ज़ुल्फ़-ए-बुताँ में है गिरफ़्तार हमारा इस दाम से है छूटना दुश्वार हमारा बाज़ार-ए-जहाँ में है अजब जिंस-ए-ज़बूँ हम… Read More »‘रासिख़’ अज़ीमाबादी की रचनाएँ
दिल ज़ुल्फ़-ए-बुताँ में है गिरफ़्तार हमारा दिल ज़ुल्फ़-ए-बुताँ में है गिरफ़्तार हमारा इस दाम से है छूटना दुश्वार हमारा बाज़ार-ए-जहाँ में है अजब जिंस-ए-ज़बूँ हम… Read More »‘रासिख़’ अज़ीमाबादी की रचनाएँ