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राजस्थानी

मनुज देपावत की रचनाएँ

धोरां आळा देस जाग धोरां आळा देस जाग रे, ऊंठां आळा देस जाग। छाती पर पैणा पड़्या नाग रे, धोरां आळा देस जाग ।। धोरां… Read More »मनुज देपावत की रचनाएँ

मधु आचार्य ‘आशावादी’ की रचनाएँ

अकाल है मनुष्यों में मनुष्यता का रिस्तों में विश्वास का शब्दों में संवेदना का राज्य में राम का नेता में काम का सच कहता हूं-… Read More »मधु आचार्य ‘आशावादी’ की रचनाएँ

मदन गोपाल लढ़ा की रचनाएँ

कविता से ज़्यादा कौन कहता है मैंने कुछ नहीं लिखा इन दिनों। कविता में शब्द होते हैं प्राण जीवन का आधार। मैंने रचा है जीवन !… Read More »मदन गोपाल लढ़ा की रचनाएँ

मंगत बादल की रचनाएँ

रेत री पुकार (कविता) थे कदी सुणी है- रेत री पुकार तिस मरती रेत री पाणी जठै एक सोवणो सुपनो है हारी-थाकी आंख्यां रो ।… Read More »मंगत बादल की रचनाएँ

किशोर कल्पनाकांत की रचनाएँ

पलक झपकता गया कठीने ? औस तणा नैनाकिया मोती, पसरयोडा हा इतरी ताळ! पलक झपकाता गया कठीने, करूँ औस री ढूंढा-भाळ? आभै तणी कूख सूं… Read More »किशोर कल्पनाकांत की रचनाएँ

ओम नागर की रचनाएँ

हलौळ  अस्यां तो कस्यां हो सकै छै कै थनै क्है दी अर म्हनै मान ली सांच कै कोई न्हं अब ई कराड़ सूं ऊं कराड़… Read More »ओम नागर की रचनाएँ

हरीश भादानी की रचनाएँ

राजस्थानी कविता संग्रह बाथां में भूगोल रेत रै समंदर रौ पांणी खाथौ चाल रे खाथौ चाल रे कमतरिया देखलै सींवपाछौ धिरयौ हैरंभावतौ रेवड़उठतै रेतड़ सूंकंवळाइजै… Read More »हरीश भादानी की रचनाएँ