अंकिता जैन की रचनाएं
मैं अछूती माहवारी के तीन दिन बहते रक्त से उपजी छटपटाहट चटपटा खाने की लालसा, बढ़ी हुई भूख, चिड़चिड़ापन बढ़ाते हार्मोन्स, मरूढ़ते पेट, छिली हुई… Read More »अंकिता जैन की रचनाएं
मैं अछूती माहवारी के तीन दिन बहते रक्त से उपजी छटपटाहट चटपटा खाने की लालसा, बढ़ी हुई भूख, चिड़चिड़ापन बढ़ाते हार्मोन्स, मरूढ़ते पेट, छिली हुई… Read More »अंकिता जैन की रचनाएं
मेरे श्याम हाथ माखन होंठ मुरली, से सजाया आपने नंद नंदन श्याम जग को है रिझाया आपने॥ ऐ मदन गोपाल सुनिए, मैं अकिंचन दीन हूँ… Read More »अंकिता कुलश्रेष्ठ की रचनाएं
ओ मन्दिर के शंख, घण्टियों / अंकित काव्यांश ओ मन्दिर के शंख, घण्टियों तुम तो बहुत पास रहते हो, सच बतलाना क्या पत्थर का ही… Read More »अंकित काव्यांश की रचनाएं