बिहारी की रचनाएँ
माहि सरोवर सौरभ लै माहि सरोवर सौरभ लै, ततकाल खिले जलजातन मैं कै नीठि चलै जल वास अचै, लपटाइ लता तरु मारग मैं कै पोंछत… Read More »बिहारी की रचनाएँ
माहि सरोवर सौरभ लै माहि सरोवर सौरभ लै, ततकाल खिले जलजातन मैं कै नीठि चलै जल वास अचै, लपटाइ लता तरु मारग मैं कै पोंछत… Read More »बिहारी की रचनाएँ
अब इश्क़ रहा न वो जुनूँ है अब इश्क़ रहा न वो जुनूँ है तूफ़ान के बाद का सुकूँ है एहसास को ज़िद है दर्द-ए-दिल… Read More »बिस्मिल सईदी की रचनाएँ
सरफ़रोशी की तमन्ना सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-कातिल में है एक से करता नहीं क्यूँ दूसरा कुछ… Read More »बिस्मिल अज़ीमाबादी की रचनाएँ
धूम ऐसी मचा गया कोहरा धूम ऐसी मचा गया कोहरा जैसे सूरज को खा गया कोहरा बन के अफ़वाह छा गया कोहरा बंद कमरों मे… Read More »बिरजीस राशिद आरफ़ी की रचनाएँ
नाम उस का नाम जब लेता हूँ होंटो पर ज़बाँ को फेरता हूँ क्यूँकि उस के नाम में उस की ज़बाँ उस के लबों का… Read More »बिमल कृष्ण अश्क की रचनाएँ
आओ चलो चलें आओ चलो चलें कुछ नेक काम करने भला और भलाई का एक काम करने। कुछ हम सीखें कुछ तुम सीखो न हम… Read More »बिन्देश्वर प्रसाद शर्मा ‘बिन्दु’ की रचनाएँ
हे दयामय दीन पालक अज विमल निष्काम हो हे दयामय दीन पालक अज विमल निष्काम हो। जगतपति जग व्याप्त जगदाधार जग विश्राम हो। दिवस-निशि जिसकी… Read More »बिन्दु जी की रचनाएँ
ज़िन्दगी क्रम जो काम किया, वह काम नहीं आएगा इतिहास हमारा नाम नहीं दोहराएगा जब से सुरों को बेच ख़रीदी सुविधा तब से ही मन… Read More »बालस्वरूप राही की रचनाएँ
रेलगाड़ी हिस-हिस हिस-हिस हिस-हिस करती, रेल धड़ाधड़ जाती है, जिन जंजीरों से जकड़ी है, उन्हें खूब खुड़काती है। दोनों ओर दूर से दुनिया देख रही… Read More »बालमुकुंद गुप्त की रचनाएँ
विप्लव गायन कवि, कुछ ऐसी तान सुनाओ, जिससे उथल-पुथल मच जाए, एक हिलोर इधर से आए, एक हिलोर उधर से आए, प्राणों के लाले पड़… Read More »बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ की रचनाएँ