गप्पू जी फिसले
आलू की पकौड़ी, दही के बड़े,
मुन्नी की चुन्नी में तारे जड़े।
मँूग की मँगौड़ी, कलमी बड़े,
मंगू की छत पर दो बंदर लड़े।
खस्ता कचौड़ी, काँजी के बड़े,
गप्पू जी फिसले तो औंधे पड़े!
टिल्ली-लिल्ली
ईची-मीची, आँखें भींची,
आया लटकू, बैठा मटकू
खट-खट खटका, फूटा मटका
खीं-खीं बिल्ली, टिल्ली-लिल्ली।
ता-ता थैया
उड़े झील से बगुले राजा
मछली लगी बजाने बाजा,
पेट पीटकर मेढक भैया
लगे नाचने ता-ता थैया।