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रचनाएँ

शम्स फ़र्रुख़ाबादी की रचनाएँ

कमरे की दीवारों पर आवेज़ां जो तस्वीरें हें  कमरे की दीवारों पर आवेज़ां जो तस्वीरें हेंअहद-ए-गुज़िश्ता के ख़्वाबों की बिखरी हुई ताबीरें हैं उनके ख़त… Read More »शम्स फ़र्रुख़ाबादी की रचनाएँ

शम्भु बादल की रचनाएँ

खुली खिड़की तुम्हारी खुली खिड़की से देश लुट जाए तुम्हें आनन्द है तुम्हारी खुली खिड़की से किसी का घर प्रकाशित हो तुम्हें क्यों एतराज है ?… Read More »शम्भु बादल की रचनाएँ

‘शमीम’ करहानी की रचनाएँ

अगरचे इश्क़ में इक बे-ख़ुदी सी रहती है  अगरचे इश्क़ में इक बे-ख़ुदी सी रहती हैमगर वो नींद भी जागी हुई सी रहती है वही… Read More »‘शमीम’ करहानी की रचनाएँ

शमीम अब्बास की रचनाएँ

बड़ी सर्द रात थी कल मगर बड़ी आँच थी बड़ा ताव था  बड़ी सर्द रात थी कल मगर बड़ी आँच थी बड़ा ताव था सभी… Read More »शमीम अब्बास की रचनाएँ

शमशेर बहादुर सिंह की रचनाएँ

निराला के प्रति भूलकर जब राह- जब-जब राह…भटका मैंतुम्हीं झलके, हे महाकवि,सघन तम की आंख बन मेरे लिए,अकल क्रोधित प्रकृति का विश्वास बन मेरे लिये-जगत… Read More »शमशेर बहादुर सिंह की रचनाएँ

शमशाद इलाही ‘शम्स की रचनाएँ

मैं हर बार मुसलमान बना दिया जाता हूँ ये मेरा शहरजिंदगी और उसकी जुस्तजू सेलबरेज़ शहरजाने क्यों अ़ज़ीज बन गया हैइंसानियत के गुनहगारों का?जो- एक… Read More »शमशाद इलाही ‘शम्स की रचनाएँ

शबनम शकील की रचनाएँ

आईन-ए-वफा इतना भी सादा नहीं होता  आईन-ए-वफा इतना भी सादा नहीं होता हर बार मसर्रत का इआदा नहीं होता ये कैसी सदाकत है कि पर्दो… Read More »शबनम शकील की रचनाएँ

शकुन्त माथुर की रचनाएँ

दोपहरी  गरमी की दोपहरी में तपे हुए नभ के नीचे काली सड़कें तारकोल की अँगारे-सी जली पड़ी थीं छाँह जली थी पेड़ों की भी पत्ते… Read More »शकुन्त माथुर की रचनाएँ

शकील बदायूँनी की रचनाएँ

सुब्ह का अफ़साना कहकर शाम से सुब्ह का अफ़साना कहकर शाम से खेलता हूं गर्दिशे-आय्याम[1]से उनकी याद उनकी तमन्ना, उनका ग़म कट रही है ज़िन्दगी… Read More »शकील बदायूँनी की रचनाएँ

शंभुनाथ सिंह की रचनाएँ

समय की शिला पर समय की शिला पर मधुर चित्र कितने किसी ने बनाए, किसी ने मिटाए। किसी ने लिखी आँसुओं से कहानी किसी ने… Read More »शंभुनाथ सिंह की रचनाएँ