हनीफ़ कैफ़ी की रचनाएँ
आरज़ूएँ कमाल-आमादा आरज़ूएँ कमाल-आमादा ज़िंदगानी ज़वाल-आमादा ज़िंदगी तिश्ना-ए-मजाल-ए-जवाब लम्हा लम्हा सवाल-आमादा ज़ख़्म खा कर बिफर रही है अना आजज़ी है जलाल-आमादा कैसे हमवार हो निबाह… Read More »हनीफ़ कैफ़ी की रचनाएँ
आरज़ूएँ कमाल-आमादा आरज़ूएँ कमाल-आमादा ज़िंदगानी ज़वाल-आमादा ज़िंदगी तिश्ना-ए-मजाल-ए-जवाब लम्हा लम्हा सवाल-आमादा ज़ख़्म खा कर बिफर रही है अना आजज़ी है जलाल-आमादा कैसे हमवार हो निबाह… Read More »हनीफ़ कैफ़ी की रचनाएँ