भारती पंडित की रचनाएँ
माँ तुम जो चल पडी अनंत यात्रा के पथ पर सुगंध विहीन हो गए गुलाब सारे विलीन हो गई पाजेब की झनकार और मूक हो… Read More »भारती पंडित की रचनाएँ
माँ तुम जो चल पडी अनंत यात्रा के पथ पर सुगंध विहीन हो गए गुलाब सारे विलीन हो गई पाजेब की झनकार और मूक हो… Read More »भारती पंडित की रचनाएँ
छतरी वह बैठी दुबकी कोने में पैबन्द लगी काली सी बूढ़ी याद पिता की टूटी छतरी। डर लगता छूते झरझरा कर गिर पड़ने का पुराने… Read More »भारतरत्न भार्गव की रचनाएँ
यह दुनिया मूर्ख ज्ञान को मुफ़्त में बाँटते रहते हैं लोग उनसे दूर भागते रहते हैं बनिए ज्ञान को बेचकर अपना धन्धा चलाते हैं मालामाल… Read More »भारत यायावर की रचनाएँ
यह तो कहो किसके हुए आधी उमर करके धुआँ यह तो कहो किसके हुए परिवार के या प्यार के या गीत के या देश के… Read More »भारत भूषण की रचनाएँ
अहिंसा खाना खा कर कमरे में बिस्तर पर लेटा सोच रहा था मैं मन ही मन: ‘हिटलर बेटा’ बड़ा मूर्ख है, जो लड़ता है तुच्छ-क्षुद्र… Read More »भारत भूषण अग्रवाल की रचनाएँ
कब तलक चलना है यूँ ही हम-सफ़र से बात कर कब तलक चलना है यूँ ही हम-सफ़र से बात कर मंज़िलें कब तक मिलेंगी रहगुज़र… Read More »भारतभूषण पंत की रचनाएँ
बाबा नागार्जुन की एक याद दिल्ली में रहते हुए भी बाबा कभी नहीं तुम आए बंगाली मार्केट गीता मन्दिर के सामने वाली गली में तुमने… Read More »भारत भारद्वाज की रचनाएँ
जब भी कोई पैकर देखो जब भी कोई पैकर देखो पहले उसके तेवर देखो मंज़र तक जाने से पहले मंज़र का पसमंज़र देखो जीने का… Read More »भरत दीप माथुरकी रचनाएँ
खिड़कियाँ खोल दो वक़्त के सामने दीवार बनकर खड़े मत रहो। लकीर के फ़क़ीर बनकर अड़े मत रहो। बन्दरिया के लिपटाये रहने से उसका मरा… Read More »भागीरथ मेघवाल की रचनाएँ
दाग़ चेहरे पर चेचक के दाग़ भले ही नहीं लगते हैं अच्छे मगर वे संत की तरह मन की व्यथा कहते हैं दाग़ हमेशा सामनेवालों… Read More »भागवतशरण झा ‘अनिमेष’ की रचनाएँ