श्रीकृष्णचंद्र तिवारी ‘राष्ट्रबंधु’ की रचनाएँ
कंतक थैया कंतक थैया घुनूँ मनइयाँ! चंदा भागा पइयाँ पइयाँ! यह चंदा चरवाहा है, नीले-नीले खेत में! बिल्कुल सैंत मैंत में, रत्नों भरे खेत में!… Read More »श्रीकृष्णचंद्र तिवारी ‘राष्ट्रबंधु’ की रचनाएँ
कंतक थैया कंतक थैया घुनूँ मनइयाँ! चंदा भागा पइयाँ पइयाँ! यह चंदा चरवाहा है, नीले-नीले खेत में! बिल्कुल सैंत मैंत में, रत्नों भरे खेत में!… Read More »श्रीकृष्णचंद्र तिवारी ‘राष्ट्रबंधु’ की रचनाएँ
तम में कोई नरभक्षी है यह सूरज है, चित्र फलक तक ! पेड़ गए भीतर बंगलों में, सिर्फ प्रदूषण है क़त्लों में ! यह है आग कि… Read More »श्रीकृष्ण शर्मा की रचनाएँ
पानी-1 जो पत्ते की नोक से सरककर कंकड़ में छेद करता है खो जाता है रेत में रेत के गर्भ में पड़ा वह प्रतीक्षा करता… Read More »श्रीप्रकाश मिश्र की रचनाएँ
कुक्कुटी कुक्कुट इस पक्षी का नाम, जिसके माथे मुकुट ललाम। निकट कुक्कुटी इसकी नार, जिस पर इसका प्रेम अपार। इनका था कुटुम परिवार, किंतु कुक्कुटी… Read More »श्रीधर पाठक की रचनाएँ
नवगीत – 1 क्या हुए वे रेत पर उभरे नदी के पांव जिन्हें लेकर लहर आई थी हमारे गाँव आइना वह कहाँ जिसमें हम संवारे… Read More »श्रीकृष्ण तिवारी की रचनाएँ
वे ही तय करते हैं अब वे ही तय करते हैं हमारी खातिर हमारे न चाहते हुए भी तय करते हैं कि कितनी हो हमारी… Read More »श्रीधर करुणानिधि की रचनाएँ
बाल कविताएँ गीत एक गीत मेरा भी गा दो एक गीत मेरा भी गा दो। स्वर की गलियों के बंजारे मेरे छंद करो उजियारे किरन-किरन… Read More »श्रीकान्त जोशी की रचनाएँ