फ़राग़ रोहवी की रचनाएँ
देखा जो आईना तो मुझे सोचना पड़ा देखा जो आईना तो मुझे सोचना पड़ा ख़ुद से न मिल सका तो मुझे सोचना पड़ा उस का… Read More »फ़राग़ रोहवी की रचनाएँ
देखा जो आईना तो मुझे सोचना पड़ा देखा जो आईना तो मुझे सोचना पड़ा ख़ुद से न मिल सका तो मुझे सोचना पड़ा उस का… Read More »फ़राग़ रोहवी की रचनाएँ
इससे पहले के बात टल जाए इससे पहले के बात टल जाए आओ एक दौर और चल जाए आँसुओं से भरी हुई आँखें रोशनी जिस… Read More »फ़रहत शहज़ाद की रचनाएँ
आँखों में बसे हो तुम आँखों में अयाँ हो कर आँखों में बसे हो तुम आँखों में अयाँ हो कर दिल ही मे न रह… Read More »फ़रहत कानपुरी की रचनाएँ
गौर से देखो तो हर चेहरे की बेनूरी का राज ग़ौर से देखो तो हर चेहरे की बेनूरी का राज़ बादशाह-ए-वक़्त के चेहरे की ताबानी… Read More »फ़रहत एहसास की रचनाएँ
है जो ख़ामोश बुत-ए-होश-रूबा मेरे बाद है जो ख़ामोश बुत-ए-होश-रूबा मेरे बाद गुल खिलाएगा कोई और नया मेरे बाद तू जफ़ाओं से जो बदनाम किए… Read More »फ़ज़ल हुसैन साबिर की रचनाएँ
हर इक दरवाज़ा मुझ पर बंद होता हर इक दरवाज़ा मुझ पर बंद होता अँधेरा जिस्म में नाख़ून होता ये सूरज क्यूँ भटकता फिर… Read More »फ़ज़ल ताबिश की रचनाएँ
हर रविश ख़ाक उड़ाती है सबा मेरे बाद हर रविश ख़ाक उड़ाती है सबा मेरे बाद हो गई और ही गुलशन की हवा मेरे… Read More »फ़कीर मोहम्मद ‘गोया’ की रचनाएँ
इमेर्जेंसी इस ब्लाक के मुख्य प्रवेश-द्वार के समने हर मौसम आकर ठिठक जाता है सड़क के उस पार चुपचाप दोनों हाथ बगल में दबाए साँस… Read More »फणीश्वर नाथ रेणु की रचनाएँ
बे-सबब हम से जुदाई न करो बे-सबब हम से जुदाई न करो मुझ से आशिक़ से बुराई न करो ख़ाक-साराँ को न करिए पामाल… Read More »‘फ़ायज़’ देहलवी की रचनाएँ
जुगनू हवा में ले कि उजाले निकल पड़े जुगनू हवा में ले कि उजाले निकल पड़े यूँ तीरगी से लड़ने जियाले निकल पड़े सच… Read More »‘फ़य्याज़’ फ़ारुक़ी की रचनाएँ