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‘असअद’ बदायुनी की रचनाएँ

मुझे भी वहशत-ए-सहरा पुकार मैं भी हूँ  मुझे भी वहशत-ए-सहरा पुकार मैं भी हूँ तेरे विसाल का उम्मीद-वार मैं भी हूँ परिंद क्यूँ मेरी शाख़ों… Read More »‘असअद’ बदायुनी की रचनाएँ

असंगघोष की रचनाएँ

कहाँ हो मुक्तिदाता नाचता रहा दिन-ब-दिन अपनों की ही उँगलियों पर उनके इशारों के अनुरूप / तृप्त करता रहा उनकी लालसाएँ हरदम मारकर अपनी इच्छाएँ… Read More »असंगघोष की रचनाएँ

अष्टभुजा शुक्‍ल की रचनाएँ

कविजन खोज रहे अमराई जनता मरे, मिटे या डूबे इनने ख्याति कमाई ।। शब्दों का माठा मथ-मथकर कविता को खट्टाते । और प्रशंसा के मक्खन… Read More »अष्टभुजा शुक्‍ल की रचनाएँ

अश्विनी कुमार आलोक की रचनाएँ

फूल बनकर, गंध बनकर मर न जाऊं मैं तेरी संवेदना में मीत मेरे और जीना चाहती हूँ फूल बनकर, गंध बनकर कितने कांटों में फंसा… Read More »अश्विनी कुमार आलोक की रचनाएँ

अश्वनी शर्मा की रचनाएँ

रिश्ता और रेगिस्तान रिश्ता एक खेजड़ी है जो चाहे छांग दी जाये कितनी बार पनप आती है हर बार दुगुने जोश से पनप जाता है… Read More »अश्वनी शर्मा की रचनाएँ

अश्वघोष की रचनाएँ

भीड़ भरे बाज़ारों में  भीड़ भरे इन बाजारों में दुविधाओं के अंबारों में खुद ही खुद को खोज रहे हम। लिए उसूलों की इक गठरी… Read More »अश्वघोष की रचनाएँ

अशोकरंजन सक्सेना की रचनाएँ

बीते साल  बीते साल मुझे बतला दे, कितना तुमने दिया धरा को और कहाँ क्या-क्या खोया है? मैंने माँगी अच्छी पोथी, तुमने ला दीं सात… Read More »अशोकरंजन सक्सेना की रचनाएँ

अशोक सिंह की रचनाएँ

सब-कुछ तय कर लिया जाएगा तय करने से पहले सब तय है कि सब-कुछ तय कर लिया जाएगा तय करने से पहले तय कर लिया… Read More »अशोक सिंह की रचनाएँ

अशोक शाह की रचनाएँ

पहले एक घर थी धरती मकान सभ्यता की पूर्ण विराम की तरह गड़ें है धरती की छाती में आदमी जब से पैदा हुआ आदमी के… Read More »अशोक शाह की रचनाएँ

अशोक शर्मा की रचनाएँ

माँ  तुम नहीं हो बताओ तो अब कौन से घर जाऊं मैं!! मन करता है बस जिंदा रह कर भी मर जाऊं मैं!! तुम्हारे चले… Read More »अशोक शर्मा की रचनाएँ