सुरजीत मान जलईया सिंह की रचनाएँ
माँ तुझे में गुनगुनाना चाहता हूँ फिर वही किस्सा सुनाना चाहता हूँ माँ तुझे मैं गुन-गुनाना चाहता हूँ कल सिरहाने जो तुम्हारा हाथ था उसको… Read More »सुरजीत मान जलईया सिंह की रचनाएँ
माँ तुझे में गुनगुनाना चाहता हूँ फिर वही किस्सा सुनाना चाहता हूँ माँ तुझे मैं गुन-गुनाना चाहता हूँ कल सिरहाने जो तुम्हारा हाथ था उसको… Read More »सुरजीत मान जलईया सिंह की रचनाएँ
मन बगिया मन बगिया कलरव करते यादों के पंछी हवा की धुन हवा की धुन थिरकती डालियाँ पाँव के बिन जीवन क्या है! जीवन क्या… Read More »सुरंगमा यादव की रचनाएँ
पल भर न हुआ जीवन प्यारा! पल भर न हुआ जीवन प्यारा! पूजा के मंदिर में झाँका, अर्चन की चाहों को आँका, जग ने अपराधिनि… Read More »सुमित्रा कुमारी सिन्हा की रचनाएँ
चिड़िया के पंख बच्चों ने चिड़िया से पूछा, तुम कैसे उड़ आती हो? नन्ही-सी तो हो पर ऐसे पंख कहाँ से लाती हो? चिड़िया बोली… Read More »सुमन बिस्सा की रचनाएँ
लुटाते रहने से इल्म ओ लियाक़त कम नहीं होती लुटाते रहने से इल्म ओ लियाक़त कम नहीं होती इज़ाफा और होता है ये दौलत कम… Read More »सुमन ढींगरा दुग्गल की रचनाएँ
शब्द और सपने (1) वह पलकों से सपने उतरने का वक्त था जब मैं उठी और सभी सपनों को बांध मैंने उन्हें जागरण की गठरी… Read More »सुमन केशरी की रचनाएँ
मेम साहब का कुत्ता किसने काटा ? साहब ने ? — नहीं मेम साहब ने ? — नहीं, तो मेम साहब के कुत्ते ने जरूर काटा होगा ।… Read More »सुभाष शर्मा की रचनाएँ
पारा कसमसाता है साँस ही मुश्किल नियत आन्दोलनों आबद्ध पारा कसमसाता है धुन्ध के आग़ोश में जकड़ा ठिठुरता गीत अग्नि ले मुस्कराता है हर हवा… Read More »सुभाष वसिष्ठ की रचनाएँ
भगवान सोने जा रहे धीम…धीम…धित्तान धीम…धीम…धित्तान सधे हुए स्वरों में संगीत गूँज रहा था मन्दिर प्राँगण में वशीकर, मोहक और उत्तेजक स्वत: स्फूर्त भर रहा… Read More »सुभाष राय की रचनाएँ
दोहे (1) बहुत कठिन है प्रेम पथ, चलिये सोच विचार। विष का प्याला बिन पिये, मिले न सच्चा प्यार॥ (2) भूख प्यास सब मिट गई,… Read More »सुभाष नीरव की रचनाएँ